जैसलमेर का भाटी वंश || भाटी वंश का इतिहास || jaisalmer ka bhati vansh


जैसलमेर का भाटी वंश || भाटी वंश का इतिहास || jaisalmer ka bhati vansh

जैसलमेर का भाटी वंश

वंश- भाटी
✪ कुल- चंद्रवंशी 
✪ संस्थापक- भट्टीय 
✪ कुलदेवी- स्वांगिया माता: आयड माता का ही एक रूप है 
✪ प्रचलित सिक्के- 
  ⇨ अखेशाही (चांदी का सिक्का) 
  ⇨ डोडिया (तांबे का सिक्का) 
✪ राजधानियां- 
  ⇨ भटनेर- भट्टीय  (285 इसवी) 
  ⇨ तनोट- मंगल राव भाटी 
  ⇨ लोद्रवा- देवराज भाटी 
  ⇨ जैसलमेर- स्थापना- 1155 ईस्वी में राव जैसल द्वारा स्थापित
 उपाधियां- 
  ⇨ चुडाला- विजय राज प्रथम भाटी (देवी से चुड प्राप्त)
  ⇨ उत्तरभड किवाड- विजय राज द्वितीय भाटी
✪ गल (अकबर) अधीनता स्वीकार करने वाला नरेश- 
  ⇨ हरराय भाटी द्वारा 
  ⇨ नागौर दरबार (3 नवंबर1570 इसवी में)
✪ ब्रिटिश कंपनी से संधि-
  ⇨ मूलराज द्वितीय पार्टी द्वारा
  ⇨ दिसंबर 1818 में 
✪ 1857 की क्रांति-
   महारावल रणजीत सिंह के कॉल में
 जैसलमेर प्रजामंडल-
  ⇨ स्थापना- 1945 में जोधपुर में 
  ⇨ संस्थापक- मिठालाल व्यास 
✪ अंतिम नरेश-
  ⇨ महारावल जवाहर सिंह भाटी
   एकीकरण के चतुर्थ चरण वृहत्तर राजस्थान संघ में 30 मार्च 1949 को विलय
 प्रसिद्ध क्रांतिकारी-
    - 1915 में सर्वहितकारी वाचनालय जैसलमेर की स्थापना
    - जैसलमेर में गुंडाराज नामक अपनी पुस्तक में महारावल जवाहर सिंह भाटी के अत्याचारी          शोषण का पर्दाफाश
    - दूसरी पुस्तक आजादी के दीवाने (जेल में लिखी)
    - 4 अप्रैल 1946 को थाने में थानेदार गुमान सिंह द्वारा जिंदा जलाया गया
    - गोपाल स्वरूप पाठक आयोग द्वारा हत्या की घटना को आत्महत्या करार

 अढाई साका- 
  ⇨ प्रथम पूर्ण शाखा-
    - साका नरेश मूलराज भाटी प्रथम के काल में
    - अलाउद्दीन खिलजी का आक्रमण 
    - 1314 ईसवी में (डॉ दशरथ शर्मा के अनुसार 1308 इसी में) 
  ⇨ द्वितीय पूर्ण साका- 
    - नरेश राव दुदा की काल में
    - मोहम्मद बिन तुगलक का आक्रमण
    - 1327 ईस्वी में 
  ⇨ तृतीय अर्ध साका-
    - राव लूणकरण भाटी के काल में
    - काबुल के पद्चयुत आमिर खान का षड्यंत्र
    - 1550 ईस्वी में 
    - राव लूणकरण भाटी संघर्ष में मारा गया लेकिन समस्त षड्यंत्रकारी समाप्त हो गए
    - जोहर संपन्न नहीं (चुँकि केसरिया हुआ अतः अर्ध साका कहलाया )

 गाइड में जैसलमेर के प्रथम व द्वितीय साका की तिथियां अनैतिहासिक तौर पर गलत दी गई है आश्चर्य तो तब अधिक होता है जब प्रथम साका की तिथि 1292 दी जाती है लेकिन अलाउद्दीन तो स्वयं ही 1296 ईस्वी में दिल्ली की गद्दी पर बैठा था जिसके आक्रमण पर यह साका हुआ था और आश्चर्य की बात तो तब हो जाती है जब यही पुस्तकें आगे बढ़कर 1301 ईसवी के रणथंबोर के साके को राजस्थान का प्रथम साका बतलाती हे जबकि जैसलमेर में तथाकथित गाइड्स के अनुसार प्रथम साका 1292 इसवी या 1294 इसवी में ही हो चुका था| 
जैसलमेर का भाटी वंश || भाटी वंश का इतिहास || jaisalmer ka bhati vansh
जैसलमेर का भाटी वंश || भाटी वंश का इतिहास || jaisalmer ka bhati vansh


 ✪ निर्माता- राव जैसल
 ✪ निर्माण काल- 1155 इसवी 
 ✪ श्रेणी- धन्वन (मरुस्थल से गिरा)
 ✪ अन्य नाम- त्रिकुटाक्रति गड़ (त्रिभुजाकार पहाड़ी पर स्थित) 
    - सोनारगढ़ / सोनगढ़ (पीले पत्थरों से निर्मित होने के कारण) 
    - जैसाणा 
 ✪ प्रसिद्धि-
    - उत्तरभड किवाड़ 
    - गढ़ दिल्ली गढ़ आगरो अधगढ़ बीकानेर।
     ला चिणायों भांटियां सारे तो जैसलमेर।।
     भडकिवाड़ उत्तराधरा भाटी झाल भार।
     वचन राखो बृजराज रा समर बाधा सार।।

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