ranthambore chauhan vansh
रणथम्भौर का चौहान वंश
✪ वंश- चौहान
✪ संस्थापक- गोविंद राज चौहान
✪ स्थापना- 1194 इस्वी
✪ तुर्क अधिकार-
⇨ 1226 इस्वी में दिल्ली सुल्तान इल्तुतमिश ने रणथम्भौर नरेश वाल्हण (वल्लन) से रणथम्भौर छीना।
⇨ रणथंबोर नरेश
वाग्भट (बहारदेव) ने दिल्ली सुल्तान रजिया से रणथंबोर छीना।
⇨ रणथंबोर नरेश
वाग्भट बहारदेव के काल में बल्बन का 1248ई,-1253ई,-54ई एवं 1258 ईसवी-59ई मैं आक्रमण।
✪ अंतिम नरेश- हमीर
देव चौहान
ranthambore chauhan vansh
chauhan vansh |
हमीर देव चौहान
✪ शासनकाल- 1282 से 1301ई
✪ पिता- जैत्रसिंह चौहान
✪ माता- हीरा देवी
✪ पत्नी-
महारानी रंगादेवी
✪ पुत्री- देवल दे
✪उपाधियां-
⇨ हठी शासक
सिंह सवन सत्पुरुष वचन,कदलन फलत एक बार।
तिरिया तेल
हम्मीर हठचढे न दूजी बार।।
⇨ 16युद्धों का विजेता
⇨ शाकंभरी नरेश (आचार्य बृहस्पति द्वारा)
✪ स्त्रोत-
⇨ हमीर महाकाव्य (नयन चंद्र सूरी)
⇨ हमीर बंधन (अमृत
कैलाश)
⇨ हमीर रासो (जोधराज कृत)
⇨ हमीर हठ (चंद्रशेखर)
✪ कोटिय यज्ञ-
⇨ दिग्विजय के
उपलक्ष में
⇨ राजपुरोहित विश्वरूप के निर्देशन में
✪ गुरु- राघवदेव
✪ आश्रित- कवि विजयादित्य
✪ स्वरचितसंगीत ग्रंथ- flaxkj हार
✪ निर्माण कार्य-
⇨ 32 खम्भो की छतरी- पिता जैत्रसिंह के 32 वर्षीय शासनकाल की स्मृति में रणथंबोर दुर्ग में।
ranthambore chauhan vansh
✪ जलालुद्दीन फिरोज
खिलजी का आक्रमण-
⇨ 1291 ई मे
⇨ गुरुदास सैनी से झाइन
छीना
⇨ मैं ऐसे सैकड़ों
किलो को मुसलमान के एक बाल के बराबर का भी महत्व नहीं देता हूं। जलालुद्दीन खिलजी (असफलता पर)
✪ अलाउद्दीन खिलजी
का आक्रमण-
⇨ 1300 ई में
⇨ तुरक सेनापति- उलग खाँ,अलग एवं नुसरत खा
⇨ कारण- हमीर देव
द्वारा निम्न तुर्क भगोड़े सैनिकों को शरण देना
⇰ मीर मोहम्मद शाह -(अलाउद्दीन खिलजी की मराठा बैगन चिमनाबाई का प्रेमी)
⇰ केहब्रु
⇰ कमरु
एवं बारबक
✪हिंदूवातघाटी
युद्ध-
⇨ 1300ई मैं
⇨ सेनापति नुसरत खा मारा गया
⇰ मैं युद्ध के
मैदान में सुल्तान की शरीर पर अपनी तलवार के वार से सुल्तान द्वारा मुझ से मांगी गई स्वर्ण मोहरा की संख्या के बराबर गांव करने को तैयार हूं।
हम्मीर देव चौहान (तुर्कदूत मोलहन देव से)
⇰ अलाउद्दीन द्वारा
रणथंबोर दुर्ग की घेराबंदी के लिए स्वयं उपस्थित होना- 1301ई
✪ देशद्रोही राजपूत-
⇨ रतिपाल (हमीर
देव चौहान का सेनानायक)
⇨ रणमल (रणथंबोर दुर्ग रक्षक)
⇨ सुरजन शाह (अन्न भंडार रक्षक)
✪राजस्थान काप्रथम साका-
⇨ 11 जुलाई 1301 ईसवी को
⇨ महारानी रंगादेवी के नेतृत्व में जौहर
⇨ राजकुमारी देवल
दे द्वारा जल जोहर
⇰ अलाउद्दीन द्वारा
रति पाल व रणमल की हत्या
⇰ आज कुफ्र का गढ
इस्लाम का घर हो गया है। (अमीर खुसरो द्वारा विजय के पश्चात)
⇰ यदि तुम्हें
उपचार से ठीक कर दिया जाए तो तुम्हारा हमारे प्रति कैसा व्यवहार होगा।
( अलाउद्दीन खिलजी
द्वारा गायल मीर मोहम्मद साह से,)
सबसे पहलेमै हम्मीर के पुत्र को गददी पर
बिठाउंगा तत्पश्चात तेरा वध करूंगा।
(मीर मोहम्मद शाह
द्वारा अलाउद्दीन को जवाब)
⇰ उलगखाँ को रणथंबोर प्रशासक नियुक्त।
मेरे प्यारे दोस्तों
केसी लगी आपको यह जानकारी
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ranthambore chauhan vansh | रणथम्भौर का इतिहास
Reviewed by Ramcharan jat
on
September 30, 2018
Rating:
Supper
ReplyDeleteNot sufficent
ReplyDeleteerrors
ReplyDeleteVery good sir
ReplyDeleteGood
ReplyDeletesuper. . bhot ache se btaya he
ReplyDeleteNice and good
ReplyDeleteVery energetic
ReplyDeleteसर नमस्ते
ReplyDeleteमुझ नाचीज़ किंशुक शर्मा कहते हैं
एक बार मुझे भी धन्यवाद बोल देते सर
जब मेरी बुक की पूरी नकल मार ही ली अपने तो
Gajjb सि
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