अजमेर चौहान वंश
वंश-चौहान
कुल-सूर्यवंशी अग्निकुंडीय
उत्पत्ति-
➣अग्निकुंडीयमत के अनुसार आबू पर्वत पर ऋषि वशिष्ठ के अग्निकुंड से।
➣क्याम खाँ रासो के अनुसार चौहान ब्राह्मण वंशीय थे।
➣डॉक्टर दशरथ शर्मा अपने वत्स गोत्र ब्राह्मण माना है।
अजमेर के चौहान वंश के संस्थापक वासुदेव चौहान थे।
hamirdev chouhan |
➣स्थापना- 551 इस्वी
➣मूल स्थान- शाकंभरी(सपादलक्ष्य-सवा लाख गांव)
राजधानियां-
➣अहीछतरपुर (नागौर)
➣अजमेर 1113 इस्वी मैं अजय राज चौहान द्वारा स्थापित।
➣इष्ट देव- हर्षनाथ देव मंदिर का निर्माण गुवक के प्रथम चौहान द्वारा सीकर में।
➧चौहानसाम्राज्य का निर्माण काल- अजयराज चौहान
➧चौहान साम्राज्य का स्वर्णिम काल- विग्रहराज चतुर्थ चौहान
➧चौहान साम्राज्य का साम्राज्यवादी काल-पृथ्वीराज तृतीय
➧चौहान साम्राज्य का साम्राज्यवादी काल-पृथ्वीराज तृतीय
अजमेर के चौहानशासको किप्रमुख उपाधियां-
➣मतंगा- विग्रहराज द्वितीय चौहान
➣कविबांधव-विग्रहराज चतुर्थ चौहान
➣रायपिथौरा- पृथ्वीराज तृतीय चौहान
अजमेर के चौहान वंश का अंतिम शासक पृथ्वीराज तृतीय चौहान था।
➧स्त्रोत-
➣बिजोलिया शिलालेख- 1170 ईस्वी - सोमेश्वर चौहान कालीन
➣पृथ्वीराज रासो- चंदबरदाई द्वारा रचित
➣पृथ्वीराज विजय- जयानक द्वारा रचित
- वासुदेव चौहान को सांभर झील का निर्माता माना जाता है।
- गुवक द्वितीय चौहान के पुत्र चंद्र राज्य की पत्नी रुद्राणी (आत्माप्रभा) को चौहान वंश की योगिनी रानी भी बोला जाता है।तांत्रिक विद्या में सिद्धि हस्ती है स्त्री पुष्कर में प्रतिदिन अपने इष्ट महादेव के सम्मुख 1000 दीपक प्रज्वलित करती थी।
- विग्रहराज द्वितीय चौहान ने हर्षनाथ प्रशस्ति (973 ईस्वी) उत्कीर्ण करवाई।
अजयराज चौहान
➣शासनकाल- 1105 से 1133 ईस्वी
➣पत्नी- सोम लेखा (सुमल वती) अपने नाम के सिक्के जारी किए।
➣निर्माण कार्य- अजय मेरु दुर्ग (गढ़बिठली) एवं अजमेर शहर (महाराणा कुंभा के पोत्रएवंमहाराणा रायमल के पुत्र उड़वा राजकुमार पृथ्वीराज सिसोदिया ने अपनी पत्नी तारा बाई के नाम पर अजयमेरु दुर्ग का नाम परिवर्तित करके तारागढ़ रख दिया- 15 वीं शताब्दी में)
अर्णोराज चौहान
➣शासनकाल- 1133 से 1155 इस्वी
➣निर्माण कार्य- आनासागर झील (अजमेर) वराह मंदिर पुष्कर।
➣हत्या- पुत्र जगदेव चौहान द्वारा
विग्रहराज चतुर्थ चौहान
➣शासनकाल- 1158 से 1163 इस्वी
➣अन्य नाम- बीसलदेव
➣पत्नी- राजमती
➣निर्माण कार्य-
- बीसलसागर बांध (टोंक)
- बीसलपुर कस्बा (टोंक)
- कंठभरण-
➣कुतुबुद्दीन ऐबक ने तुडवाकर अढाई दिन का झोपड़ा नामक मस्जिद में परिवर्तित बाहरी दीवार पर विग्रहराज चतुर्थ द्वारा स्वरचित नाटक हरीकेली उत्कीर्ण।
➧आश्रित कवि-
सोमलदेव सूरी (ललितविग्रहसज नाटक का रचयिता)
➧दिल्ली के तोमर नरेश को परास्त कर दिल्ली को चौहान साम्राज्य में मिलाया।
पृथ्वीराज चौहान तृतीय
➣जन्म- 1166 ई.
➣जन्म स्थान- अन्हिलपाटन (गुजरात)
➣पिता- सोमेश्वर चौहान
➣माता- कर्पूरी देवी
➣प्रेमिका व पत्नी- संयोगिता
➣ससुर- कन्नौज नरेश जयचंद गहढ़वाल
➣शासनकाल- 1177 से 1193 इस्वी
➣आश्रित कवि- जयानक
➣मित्र व आश्रित कवी- चंद्रबरदाई
➣तुमुल युद्ध-
➝ 1182 ईस्वी में
➝ अन्य नाम महोबा युद्ध
➝ महोबा नरेश परमर्दी देव को पृथ्वीराज ने प्राप्त किया
➝ नायक आल्हा-उदल (परमरदी देव के शहीद सेनापति)
➣तराइन का प्रथम युद्ध-
➝1191 इस्वी में ➝ मोहम्मद गोरी को परास्त
➣तराइन का द्वितीय युद्ध-
➝1193 ईस्वी में
➝पृथ्वीराज तृतीय चौहान मोहम्मद गौरी से प्ररास्त।
➣तराइन का प्रथम युद्ध-
➝1191 इस्वी में ➝ मोहम्मद गोरी को परास्त
➣तराइन का द्वितीय युद्ध-
➝1193 ईस्वी में
➝महत्व हिंदुस्तान का निर्णायक युद्ध
नयनचंद्र सूरी क्रत रंभा मंजरी नाटक के अनुसार दल पुंगल विश्व विजेता नामक उपाधि कन्नौज नरेश जयचंद गढ़वाल की है।युद्ध का वास्तविक नाम नारायण युद्ध है।क्योंकि तराइन द्वितीय युद्ध के पश्चात ही हिंदुस्तान में सर्वप्रथम 1206 ईस्वी में तुर्कों ने कुतुबुद्दीन ऐबक मोहम्मद गोरी का दास के नेतृत्व में अजमेर वह दिल्ली में चौहान सता का अंत करके प्रथम मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना दिल्ली सल्तनत के नाम से की। (राजस्थान का नीला निर्णायक युद्ध सुमेलगिरी युद्ध।)
नोटः पृथ्वीराज रासो के अनुसार पृथ्वीराज तृतीय चौहान एवं मोहम्मद गोरी के मध्य 21 बार मुठभेड़ हुई।तराइन प्रथम युद्ध के बाद ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेर आये।
➣पिथौरागढ़- दिल्ली में स्थापित शहर
➣मृत्यु-
➝सिरसा हरियाणा के निकट युद्ध स्थल से भाग 3 पृथ्वीराज तृतीय चौहान को पकड़ा गया एवं हत्या की गई मिनहाज उस सिराज
➝अजमेर में कैदी के रूप में लाया गयाजहां सुल्तान के विरुद्ध षड्यंत्र रचने के आरोप में हत्या की गई हसन निजामी एवं अबुल फजल के अनुसार
➝गजनी में निम्न दोहा सुनकर मोहम्मद गोरी की शब्दभेदी बाण चलाकर हत्या तत्पश्चात पृथ्वीराज तृतीय चौहान एवं चंद्र बरदाई ने एक दूसरे की कटार घूम कर हत्या पृथ्वीराज रासो के अनुसार। -
चार बांस चौबीस गज,अंगुल अष्ट प्रमाण।ता ऊपर सुल्तान है,मत चुके चौहान।।
➣हरी राज चौहान
➝पृथ्वीराज का भाई
➝कुतुबुद्दीन ऐबक से अजमेर की रक्षा नहीं कर पाने पर आत्मदाह
➣गोविंद राज चौहान
➝पृथ्वीराज का पुत्र
➝कुतुबुद्दीन ऐबक की अधीनता स्वीकार कर रणथंबोर प्राप्त किया ।
मोहम्मद गौरी की हत्या 1206 ईस्वी में खोखरजाटो ने की।
मेरे प्यारे दोस्तों किसी लगी आपको यह जानकारी कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं
ajmer ke chouhan | अजमेर के चौहान वंश
Reviewed by Ramcharan jat
on
September 30, 2018
Rating:
Awesome saab
ReplyDeleteBhut he acha
ReplyDeleteBut
Datel or dalo
Nice
DeleteVery nice 👍
ReplyDeleteBkvas jo chahiye vo to likha nhi
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ReplyDeleteThe only way to try the online casino is to play luckyclub.live for real money with no risk. This is a great way to get free spins, spins and other bonuses when playing Rating: 4.5 · Review by LuckyClub
GK study 1330
ReplyDeleteअजमेर का चौहान वंश (Chauhan Vansh of Ajmer ) वासुदेव चौहान gkstudy1330.blogspot.com
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