जोधपुर का राठौड़ वंश || Jodhpur ka itihaas- exam important notes

जोधपुर का राठौड़ वंश || Jodhpur ka rathore vansh

👉 प्राचीन नाम - मरू, मरूकंटर, (रामायण के अनुसार) एवं गुर्जरत्रा ( दक्षिणी जोधपुर) 
👉 शासक -वंश राठौड़
👉संस्थापक - राव सीहा 
👉वास्तविक संस्थापक - राव जोधा
👉कुल -सूर्यवंशी 
👉कुलदेवी -नागणेची माता 

राठौर शब्द की व्युत्पत्ति- दक्षिण भारतीय राजवंश  के राठौड़ शब्द से निकला है

👉राठौड़ों कि उत्पत्ति
-राजा विश्वुतमान के पुत्र राजा वृहद बल से उत्पन्न (जोधपुर राज्य की ख्यात) 
-ब्राह्मण वंश में पैदा होने वाले भल्ला राव की संतान  (दयालदास) 
-शिव के शीश पर स्थित चंद्रमा से उत्पन्न (राष्ठौढ वंश महाकाव्य- 1556 ईसवी) 
-बंदायू के राष्ट्रकूट के वंशज (डा औझा) 
-राठौड़ों ने स्वयं को इक्ष्वाकु वंश के श्री राम के पुत्र कुश के वंशज माना है
-कर्नल जेम्स टॉड ने राठौड़ों को श्री राम के पुत्र कुश के वंशज माना

राजधानियां 
- पाली -1273 ईस्वी में राव सीहा द्वारा 
- मंडोर- 1395 ईस्वी मेंं राव चुंडा द्वारा 
- जोधपुर -मई 1459 ईसवी मैं राव जोधा द्वारा

👉अफगान नरेश शेरशाह सूरी को टक्कर देने वाला राजपूताने का प्रथम नरेश - मारवाड़ नरेश राव मालदेव राठौड़ (सुमेलगिरी युद्ध) 

👉राजपूताने का प्रथम नरेश जिसने  मुगल बादशाह अकबर की अधीनता अस्वीकार कर संघर्ष किया -मारवाड नरेश- राव चंद्रसेन राठौड़

👉राजपूताने का प्रथम नरेश जिसने मुगल संघर्ष में छापामार युद्ध पद्धति एवं पर्वतों का प्रयोग किया -मारवाड़ नरेश -राव चंद्रसेन राठौड़
👉पुरखों की संपत्ति भेजकर मुगलों से संघर्ष करने वाला -मारवाड़ नरेश- राव चंद्रसेन राठौड़

👉जोधपुर पर मुगल अधिकार-
- प्रथम अवसर- राव चंद्रसेन राठौड़ के काल में अकबर द्वारा 1564 ईसवी में 
-द्वितीय अवसर -26 मई 1679 ईस्वी को औरंगजेब द्वारा

👉मुगलों द्वारा जोधपुर को खालसा (केंद्र शासित प्रदेश घोषित) 
-1581 ईसवी से 1583 ईसवी तक अकबर द्वारा
- 1679 ईस्वी मे औरंगजेब द्वारा

👉दिल्ली से मुस्लिम शासक से विवाह करने वाला प्रथम मारवाड़ नरेश- 
-राव मालदेव राठौड़ जिसने अपनी पुत्री लालबाई का विवाह दिल्ली के सुर शासक इस्लाम शाह सुरी के साथ किया

👉मुगल कराने से वैवाहिक संबंध स्थापित करने वाला प्रथम मारवाड़ नरेश- मोटा राजा उदय सिंह राठौड़

👉राजपूताने का प्रथम नरेश जी से सवाई की उपाधि प्राप्त हुई - मारवाड़ नरेश राव सूर सिंह राठौड़ (1604 ईस्वी में अकबर द्वारा प्राप्त) 

👉ब्रिटिश कंपनी से संधि करने वाला नरेश-
महाराजा मान सिंह राठौड़ 
-6 जनवरी 1818 ईस्वी को

👉1857 की क्रांति-
- महाराजा तख्त सिंह राठौड़ के काल में
- जोधपुर पी.ए. -मोखमेशन 

👉जोधपुर प्रजामंडल -
 -स्थापना -1934 ई
 - संस्थापक -भंवर लाल सर्राफ एवं छगनलाल चौपासनी वाल 
- महाराजा उम्मेद सिंह राठौड़ के काल मे

👉एकीकरण के समय अंतिम नरेश-
महाराजा हनुमंत सिंह
- चतुर्थ चरण वृहत्तर राजस्थान संघ में 30 मार्च 1949 ईस्वी को

👉उपाधियां 
-हसमत वाला बादशाह -राव मालदेव राठौड़ (मुस्लिम इतिहासकारों द्वारा) 
-हिंदू बादशाह- राव मालदेव राठौड़ (चारण कवियों द्वारा )
-मारवाड़ का प्रताप- राव चंद्रसेन राठौड़
- मारवाड़ का भूला बिसरा नायक -राव चंद्रसेन राठौड़
-प्रताप का अग्रगामी नरेश -राव चंद्रसेन राठौड़ 
-मोटा राजा -राव उदय सिंह राठौर
- सवाई- राव सूर सिंह राठौर (1604 ईस्वी में अकबर द्वारा) 
-दलथंबन -राव गजसिंह राठौड़ (1621 ईसवी में जहांगीर द्वारा) 
-महाराजा -जसवंत सिंह राठौड़ (शाहजहां द्वारा) 
-मारवाड़ का आणबिंदिया मोती- दुर्गादास राठौड 
राठौड़ों का युलिसेज- दुर्गादास राठौड़ (कर्नल जेम्स टॉड द्वारा )
-जहांगीर का नमूना- महाराजा विजय सिंह राठौड़( कवि राजा श्यामल दास द्वारा 
-केसर ए हिंद- महाराजा जसवंत सिंह राठौड़ द्वितीय

👉जोधपुर शहर की प्रसिद्ध बावडिया 
-चांद बावड़ी -चांद कंवर (राव चुंडा की सो नगरी रानी द्वारा )
-कोडमदेसर बावड़ी
-निर्मात्री -कोडम दे( राव रणमल राठौर की महारानी)
- स्थान- बीकानेर
- विशेषता -पश्चिमी राजस्थान की सबसे प्राचीन बावड़ी
 रानी सर तालाब -जसमा दे( राव जोधा की महारानी) द्वारा 
रूप सागर तालाब- झाली रानी स्वरूप दे राव मालदेव राठौड़ की महारानी द्वारा 
गुलाब सागर -गुलाब राय द्वारा
 कल्याण सागर/ रातानाडा- महारानी जसवंत दे (महाराजा जसवंत सिंह राठौड़ प्रथम की पत्नी) 

👉सिक्के
-आदि वराह( प्रतिहार नरेश भोज इन सिक्कों पर मदादिवराहदेव अंकित) 
-अजीत शाही (महाराजा अजीत सिंह राठौड़ द्वारा) 
-विजय साहू (महाराजा विजय सिंह राठौड़ द्वारा )
-मोहर (1781 ईस्वी में प्रचलित स्वर्ण शिखा) 
- लल्लूलिया 
-लल्लूशाही 
-रूरूरिया 
-गजशाही 
-भीमशाही 
-ढब्बूशाही

➡ राव सीहा
- शासनकाल -1240 से 1273 ईस्वी
- राव सीहा कन्नौज नरेश जयचंद गढ़वाल का पौत्र था
- लाखा जवर युद्ध 
  - स्थान -धोला चौतरा पाली 
  - परिणाम - दिल्ली सुल्तान नसीरुद्दीन महमूद द्वितीय        को परास्त किया

➡राव चुंडा
- शासनकाल- 1394 ईसवी से 1423 ईसवी 
 - संताने
  - जेष्ठ पुत्र- रणमल राठौड़ 
  -  कनिष्ठ पुत्र -कान्हा 
  - पुत्री -हनसा बाई 
पत्नियां - 
 - मोहिलाणी रानी किशोर कुंवरी( प्रतिहार राजकुमारी )दहेज में चुंडा को मंडोर प्राप्त हुआ
- सोनगरी रानी -चांद कुंवर

उतराधिकारी
- मोहिलाणी रानी किशोर कुंवारी के प्रभाव से कान्हा को घोषित कान्हा का शासनकाल 1423 इस विषय 1427 ईस्वी तक रहा 
-असंतुष्ट रणमल मेवाड़ महाराणा लक्ष्य सिंह की शरण में अपनी बहन हंशा बाई के साथ पहुंच गया जहां उसे घणना की जागीर प्राप्त हुई। 

➡राव रणमल राठौड़
 - शासनकाल- 1227 ईस्वी से 1438 ईसवी
- प्रेमिका -भारमली 
 - बहनोई - मेवाड़ महाराणा लक्ष्य सिंह
 मेवाड़ महाराणा लक्ष्य सिंह के सहयोग से मंडोर प्राप्त किया 
-हत्या -1438 ईस्वी में चित्तौड़ में महाराणा कुंभा के काल में प्रेमिका भारमली ने षड्यंत्र द्वारा रणमल को विश दिया

➡राव जोधा
-शासनकाल- 1438 ईस्वी से 1489 ईसवी
-पिता- राव रणमल राठौड़
- माता -कोडम दे 
-1438 ईस्वी मेवाड़ के युवराज चुंडा द्वारा मेवाड़ महाराणा कुंभा के काल में मंडोर पर आक्रमण
-राव जोधा को भगाकर  कवनी बीकानेर  गांव में शरण लेनी पड़ी 
-जोधपुर शहर की स्थापना- 13 मई 1459 ईसवी को चामुंडा माता मंदिर मेहरानगढ़ में निर्माण करवाया
निर्माता - राव जोधा
- निर्माण काल- 1459 
-पहाड़ी -चिड़िया नाथ की टूक पंचेटिया
- श्रेणी -गिरी 
-आकृति -मयूर जैसी 
-अन्य नाम - मयूरध्वज गढ़, गढ़चिंतामणि, जोधाणा ,मेहरानगढ़ (विशाल आकृति के कारण) 
- प्रसिद्धि
-देवताओं परियों एवं फरिश्तों द्वारा निर्मित (रूडयार्ड किपलिंग) 
-विशेषता - रजिया नाम का जिंदा व्यक्ति दफन
- प्रसिद्ध तोपे- किलकिला तोप, शंभू बाण ,गजनी खा

राव सातल देव -
-शासनकाल -1489 ईसवी से 1492 ईस्वी तक( अजमेर के मुस्लिम सेनापति गुडेल का को मारकर उसकी पुत्री गिंदोली को सातल ने अपनी दासी बनाया गिंदोली ने  अपने पिता की याद में जोधपुर में गणगौर के दौरान मनाये जाने वाले घुड़ला त्योहार आरंभ किया) 

रावगंगा
-शासनकाल -1515 इसवी से 1532 ईसवी
- पत्नी -पद्मावती (मेवाड़ महाराणा सांगा की पुत्री) 
-पुत्र - कुंवर मालदेव राठौड़ (सिरोही महारानी से उत्पन्न पुत्र )
-मृत्यु -शराब के नशे में महल से गिरकर( संभवतया पुत्र मालदेव ने धक्का देकर गद्दी पाई) 

राव मालदेव राठौड़
-शासनकाल -1532 ईसवी से 1562 ईसवी
- राज्य अभिषेक - सोजत पाली
- पत्नियां -झाली रानी स्वरूप दे 
-पुत्र कुंवर चंद्र सिंह राठौड़ (उमा दे) 
-ख्याति -  रूठी रानी
 दत्तक पुत्र - राम सिंह राठौड़ (मालदेव का जेष्ठ पुत्र) 

Coming soon -----------



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